New Delhi/Atulya Loktantra News: धनतेरस (Dhanteras) पांच दिन तक चलने वाले दीपावली (Deepawali) पर्व का पहला दिन है. इसे धनत्रयोदशी (Dhantrayodashi), धन्वंतरि त्रियोदशी (Dhanwantari Triodasi) या धन्वंतरि जयंती (Dhanvantri Jayanti) भी कहा जाता है. मान्यता है कि क्षीर सागर के मंथन के दौरान धनतेरस के दिन ही माता लक्ष्मी (Maa Laxmi) और भगवान कुबेर (Kuber) प्रकट हुए थे.
यह भी कहा जाता है कि इसी दिन आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था. यही वजह है कि इस दिन माता लक्ष्मी, भगवान कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा का विधान है. इस दिन हर कोई अपनी सामर्थ्य के अनुसार खरीददारी करता है. धनतेरस का दिन खरीददारी के लिए बेहद शुभ माना जाता है. इस दिन लोग अपने घर के लिए नया सामान जोड़ते हैं. वहीं, इस बार धनतेरस की तिथि को लेकर लोगों में थोड़ा कन्फ्यूजन है. लोग में असमंजस में हैं कि धनतेरस 12 को है या 13 को. धनतेरस के लिए शुभ मुहुर्त और शुभ दिन कौन सा है.
कब है धनतेरस ?
इस बार धनतेरस की तिथि 12 तारीख को ही शुरु हो जाएगी, लेकिन धनतेरस की पूजा 13 नवंबर को करना शुभ होगा. यानि की धनतेरस इस बार 13 नवंबर को दीवाली के एक दिन पहले मनाया जा रहा है. 13 नवबंर (शुक्रवार) को शाम 6 बजे के बाद पूजा करने का सही और शुभ समय होगा. धनतेरस समयानुसार त्रयोदशी तिथि 12 नवंबर को रात 9 बजकर 30 मिनट पर प्रारंभ होगी.
धनतेरस की तिथि और शुभ मुहूर्त
त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 12 नवंबर 2020 को रात 09 बजकर 30 मिनट से
त्रयोदशी तिथि समाप्त: 13 नवंबर 2020 को शाम 05 बजकर 59 मिनट तक
धनतेरस पूजा मुहूर्त: 13 नवंबर 2020 को शाम 05 बजकर 28 मिनट से शाम 05 बजकर 59 मिनट तक.
कुल अवधि: 30 मिनट
प्रदोष काल: 13 नवंबर 2020 को शाम 05 बजकर 28 मिनट से रात 08 बजकर 07 मिनट तक.
वृषभ काल: 13 नवंबर 2020 को शाम 05 बजकर 32 मिनट से रात 07 बजकर 28 मिनट तक.
कब मनाया जाता है धनतेरस ?
धनतेरस का पर्व हर साल दीपावली से दो दिन पहले मनाया जाता है. हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक, कार्तिक मास की तेरस यानी कि 13वें दिन धनतेरस मनाया जाता है. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह पर्व हर साल अक्टूबर या नवंबर महीने में आता है. इस बार धनतेरस 13 नवंबर को है. इसके अलावा इस बार धनतेरस दीवाली के एक दिन पहले मनाया जा रहा है.