उड़ीसा के पुरी (Jagannath Puri Rath Yatra 2021) में हर साल आयोजित होने वाली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा (Jagannath Rath Yatra) देश-विदेश के भक्तों के लिए आकर्षण का बड़ा केंद्र होती है। भक्तों को साल भर इस रथयात्रा का इंतजार रहता है। हालांकि पिछले साल कोरोना महामारी के कारण भक्त इस प्रसिद्ध रथयात्रा में हिस्सा नहीं ले सके थे। इस साल भी कोरोना महामारी के कारण रथयात्रा अपने वास्तविक स्वरूप में नहीं निकल पाएगी।
वैसे पुरी की रथयात्रा के साथ एक हैरान करने वाली सच्चाई भी जुड़ी हुई है। हर साल रथयात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ का रथ एक मुस्लिम भक्त की मजार (Muslim Bhakt Ki Mazar) पर कुछ देर के लिए जरूर रोका जाता है। यह दृश्य देखने वाले भी हैरान हो जाते हैं कि आखिर एक मुस्लिम की मजार पर भगवान का रथ (
जानकारों के मुताबिक, यह मजार मुगल सैनिक सालबेग (Muslim Soldier Salbeg) की है जो भगवान जगन्नाथ का अनन्य भक्त था। मुस्लिम होने के कारण सालबेग कभी भगवान जगन्नाथ के दर्शन तो नहीं कर पाया मगर मरने से पहले उसने कहा था कि यदि मेरी भक्ति में सच्चाई है तो प्रभु मेरी मजार पर जरूर आएंगे। बाद में सालबेग की यह बात पूरी तरह सच साबित हुई।
सत्रहवीं शताब्दी की शुरुआत के दौर के मुगल सैनिक सालबेग को भगवान जगन्नाथ का सबसे बड़ा भक्त माना जाता है। सालबेग के पिता मुस्लिम थे जबकि मां ब्राह्मण थीं। पिता के मुगल सेना में सूबेदार होने के कारण सालबेग भी युवा होने पर मुगल सेना में भर्ती हो गया था। सालबेग मुस्लिम धर्म का कट्टर अनुयायी था मगर उसके जीवन में एक ऐसी घटना घटी जिसने उसे भगवान जगन्नाथ का अनन्य भक्त बना दिया।