Haryana/AtulyaLoktantra : दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति को लेकर हरियाणा ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से संबंधित चार राज्यों– दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व राजस्थान के अतिरिक्त पंजाब की तत्काल(24 घंटे की समयावधि में) एक आपात बैठक बुलाए जाने का केंद्र से आग्रह किया है। ताकि गंभीरता से कदम उठाए जा सकें।
दिल्ली में गत दिनों से वायु में प्रदूषकों के स्तर में हुई वृद्धि के लिए दिल्ली प्रदेश द्वारा हरियाणा को जिम्मेदार ठहराए जाने के उपरांत नई दिल्ली में हरियाणा भवन में हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर को हरियाणा सरकार ने एक पत्र भेजकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से संबंधित चार राज्यों- दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व राजस्थान के अतिरिक्त पंजाब के मुख्यमंत्रियों या पर्यावरण मंत्रियों की तत्काल(24 घंटे की समयावधि में) एक आपात बैठक बुलाए जाने का आग्रह किया है।
प्रदूषण नियंत्रण के संदर्भ दूरगामी कदभ उठाए जाने चाहिए। हरियाणा के उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल से विस्तृत चर्चा हुई है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर को एक पत्र भेजा है और दूरभाष पर इस संदर्भ में चर्चा भी की है।
हरियाणा के उप मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बैठक में तथ्यों पर चर्चा हो ताकि यह स्पष्ट हो सके दिल्ली की वायु मे विद्यमान प्रदूषकों में फसलावशेष के जलाए जाने के परिणामस्वरूप उतपन्न होने वाले प्रदूषक कितने प्रतिशत हैं । हरियाणा में गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष फसलावशेष जलाए जाने की घटनाओं में उल्लेखनीय रूप से 34 प्रतिशत की कमी हुई है। राज्य सरकार का सदैव प्रयास रहेगा कि फसलावशेष जलाए जाने की घटनाओं पूर्ण रूप से नियंत्रित हो सकें।
दिल्ली क्षेत्र में कूडाघरों में लगातार जलने वाली आग भी एक खतरनाक प्रदूषक है और दिल्ली राज्य सरकार को इसकी लगातार माॅनिटरिंग करनी चाहिए। पर्यावरण जन- जीवन के स्वास्थ्य से जुडा विषय है। पर्यावरण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सभी को राजनीति से हटकर कार्य करना चाहिए। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में गम्भीर प्रदूषण के मुद्दे पर कुछ हितधारकों द्वारा ओच्छी राजनीति करने की बढ़ती प्रवृत्ति की निंदा करते हुए, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर को पत्र लिखकर जल्द से जल्द और जहां तक सम्भव हो कल ही, दिल्ली और पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाने का आग्रह किया है।
इससे पहले, मुख्यमंत्री ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री के साथ दूरभाष पर बातचीत में उनसे यह बैठक बुलाने का अनुरोध किया ताकि एनसीआर में इस समस्या के स्थाई समाधान के लिए विभिन्न संगठनों और सरकार के समन्वित प्रयासों से एक कारगर रणनीति तैयार की जा सके।
मनोहर लाल ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में जारी जन स्वास्थ्य आपातकाल हम सब के लिए गम्भीर चिंता का विषय है। लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए, इस समस्या के समाधान के लिए सभी हितधारकों द्वारा एक अति संवेदनशील और उत्तरदायी ढंग से समन्वित प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि चूंकि एनसीआर में वायु गुणवत्ता में सुधार करना किसी एक व्यक्ति, संगठन या सरकार के वश की बात नहीं है, इसलिए इस गम्भीर स्थिति पर राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण है और यह अपने आप में चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि एनसीआर में पिछले कुछ दिनों से व्याप्त भयंकर प्रदूषण से पीडि़त लोगों को जल्द राहत पहुंचाने पर ध्यान केन्द्रित किया जाना चाहिए।
इस बातचीत को एक पत्र के माध्यम से आगे बढ़ाते हुए, मनोहर लाल ने कहा कि सम्बन्धित राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों और पर्यावरण मंत्रियों की बैठक से इस गम्भीर स्थिति से निपटने के लिए कार्य योजना और संयुक्त रणनीति बनाने तथा लोगों की पीड़ा और कठिनाई को दूर करने में मदद मिलेगी।