दरअसल, चीनी नागरिकों के भारत में आनेजाने पर कोई रोक नहीं है जबकि भारतीय नागरिकों पर चीन ने प्रतिबंध लगा रखा है। चीन ने पिछले साल नवंबर में ही भारतीय नागरिकों को दिए गए सभी वीजा को निलंबित कर दिया था। उसके बाद से भारतीय नागरिक चीन की यात्रा करने में सक्षम नहीं है। इसको देखते हुए अब भारतीय नागरिकों ने विदेश मंत्रालय से उन्हें भी चीन का वीजा दिलाने की मांग की है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि भारतीय नागरिकों को चीन की यात्रा की सुविधा मुहैया कराने के प्रयास जारी है। उन्होंने चीनी सरकार से कहा है कि जब हम कोरोना संबंधी प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने की आवश्यकता को पहचानते हैं तो भारतीयों को दो-तरफ़ा यात्रा की सुविधा दी जानी चाहिए। विशेष रूप से इस तथ्य को देखते हुए कि चीनी नागरिक भारत की यात्रा करने में सक्षम हैं। विदेश मंत्रालय ने इसके लिए चीनी नागरिकों को भारत यात्रा अनुमति का भी हवाला दिया है।
भारत स्थित चीनी दूतावास ने 15 मार्च को भारतीयों को चीनी वैक्सीन लगवाने पर ही वीजा देने की घोषणा की थी। इसके बाद बहुत से लोगों ने चीनी दूतावास में संपर्क करके चीनी वैक्सीन लगवा ली लेकिन फिर भी वीजा नहीं दिया गया।
बता दें कि चीन में कोरोना की दोबारा वापसी हो रही है। वैज्ञानिकों ने चीन के कोरोना का सबसे बड़ा हाॅट स्पाॅट बनने की आशंका जताई है। हालांकि चीन कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रहा है और एक भी केस मिलने पर बहुत तेजी से कार्रवाई की जा रही है। चीन की गंभीरता का एक उदाहरण चीन का शेनझेन शहर है, जहां कोरोना संक्रमण का एक केस मिलने पर लाखों लोगों की कोरोना जांच शुरू कर दी गई है। और लोगों के आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिए गए हैं।
ये सब इसलिए किया जा रहा है ताकि संक्रमण किसी भी कीमत पर फैलने न पाए। शेनझेन शहर को चीन की सिलिकॉन वैली कहा जाता है क्योंकि यहां बड़ी संख्या टेक कंपनियों के दफ्तर की हैं। शेनझेन में बाहर से आये एक व्यक्ति में कोरोना संक्रमण मिला है। इसके चलते करीब सवा करोड़ आबादी वाले इस शहर में पाबंदियां लगा दी गई हैं।