दिल्ली में बड़े आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश होने के बाद कई अहम खुलासे हो रहे हैं। जांच के दौरान पता चला है कि पकड़े गए 6 आरोपियों में से ओसामा और जीशान मस्कट के रास्ते पाकिस्तान पहुंचे थे, जहां उन दोनों को आतंकी ट्रेनिंग दी गई थी। दोनों को ट्रेनिंग देने का काम किसी आतंकी ने नहीं बल्कि पाकिस्तानी फौज के 2 अफसरों ने किया था। उनके साथ एक अन्य पाकिस्तानी नागरिक भी वहां मौजूद था।
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल को पूछताछ में पता चला कि इसी साल अप्रैल में ओसामा और जीशान ओमान के रास्ते पाकिस्तान के कराची पहुंचे थे. पहले वे ओमान से जियोनी गए थे और वहां से उन दोनों को कराची के पास भेजा गया था। सबसे बड़ी बात ये है कि इस काम को अंजाम देने में पाक एजेंसी आईएसआई का हाथ है। आईएसआई ने उन दोनों को ओमान से पाकिस्तान तक पहुंचाने के लिए पानी के रास्ते का इस्तेमाल किया और वे बोट से पाकिस्तान गए थे। आईएसआई ने भारतीय एजेंसियों को चकमा देने के लिए उन दोनों को ओमान के रास्ते पाकिस्तान बुलाया था। पाकिस्तान में कराची के एक इलाके में दोनों को पाकिस्तानी सेना के दो अफसरों जब्बार और हमजा ने आतंकी ट्रेनिंग दी थी। वहां उन फौजी अफसरों के साथ आसिफ नाम का एक पाकिस्तानी शख्स और मौजूद था।
सीरियल ब्लॉस्ट की योजना
दिल्ली स्पेशल सेल के डीसीपी ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी से इनपुट मिला था कि पाकिस्तान प्रायोजित एक आतंकी मॉड्यूल देश के विभिन्न राज्यों में सीरियल ब्लॉस्ट की योजना बना रहा है। इसके सीमा पार से आईईडी की व्यवस्था की गई है। इनपुट के आधार पर कार्रवाई करते हुए एटीएस ने पहले दिल्ली के ओखला से ओसामा मुख्य किरदार है। इसके अलावा महाराष्ट्र और यूपी में इसके सहयोगी हैं जो सीरियल ब्लास्ट की तैयारी कर रहे हैं। एटीएस ने इस इनपुट पर अलग अलग टीमें गठित कीं और यूपी एटीएस की मदद लेते हुए एक साथ कई स्थानों पर छापे मारे। सबसे पहले राजस्थान के कोटा से जान मोहम्मद शेख उर्फ समीर कालिया को हिरासत में लिया गया जो दिल्ली जा रहा था। ओसामा को ओखला से गिरफ्तार किया। यूपी के बहराइच के रहने वाले मोहम्मद अबू बकर को सराय काले खां, दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। जीशान की गिरफ्तारी प्रयागराज से की गई, मोहम्मद आमिर जावेद को लखनऊ से और मूलचंद उर्फ साजू को रायबरेली से गिरफ्तार किया गया। इसके लिए दिल्ली पुलिस ने यूपी एटीएस का सहयोग लिया था।
प्रयागराज में छिपाकर रखा गया था आरडीएक्स
दिल्ली स्पेशल सेल के अनुसार इस मॉड्यूल को एक स्लीपर सेल संचालक ने आरडीएक्स आधारित बम, पिस्तौल और कारतूस सप्लाई किए जा चुके थे। इसे छिपाने के लिए यूपी भेजा गया था। एटीएस ने प्रयागराज से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किए हैं। इस विस्फोटक को अनीस इब्रहिम ने अपने नजदीकी जॉन शेख मोहम्मद व मूल चंद्र के माध्यम से दिल्ली पहुंचाने का काम सौंपा था। दिल्ली से मुंबई और देश के अन्य हिस्सों में अन्य आतंकी गुर्गों को यह विस्फोटक सौंपे जाने थे। इसके बदले इन लोगों को हवाला के जरिए पैसे दिए जाने थे। इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है।