नई दिल्ली: नेताओं पर दर्ज आपराधिक मुकदमों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को बड़ी राहत दी है। अब राज्य सरकारें नेताओं पर दर्ज मुकदमे को वापस ले सकेंगी, लेकिन इसके लिए उन्हें हाई कोर्ट से इसकी इजाजत लेनी पड़ेगी। हाई कोर्ट को अगर लगेगा कि नेता पर दुर्भावना से फर्जी मुकदमा दर्ज किया गया है तो उसे वापस लिया जा सकेगा। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि हाई कोर्ट के लिए जरूरी है कि वह ऐसे मुकदमों की समीक्षा करे कि मुकदमा वापस लेना सही है या नहीं।
ज्ञात हो कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में कोर्ट के सलाहकार ने एक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, जिसमें जानकारी दी गई थी कि कई राज्य सरकारों ने सांसदों और विधायकों पर दर्ज आपराधिक मुकदमों को वापस ले लिया है। नेताओं पर दर्ज मुकदमे वापस लेने में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र सबसे आगे हैं। उत्तर प्रदेश में मुकदमा वापस लेने वाले नेताओं में मुजफ्फरनगर दंगों में आरोपी विधायक के नाम भी शामिल है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए आदेश दिया था कि बिना हाई कोर्ट के आदेश के राज्य सरकारें सांसदों और विधायकों पर दर्ज मुकदमे वापस नहीं ले सकेंगे।