इस तूफान के आने से पहले भी कई तूफान दस्तक दे चुके है। इस बारे में जानकारी देते हुए भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा चक्रवात विकास आवृत्ति के दिये गए डाटा के मुताबिक, सन् 1891 और 2021 के बीच आठ अवसरों पर, इस क्षेत्र में अक्टूबर और नवंबर दोनों के दौरान कोई चक्रवात विकसित नहीं हुआ। ये साल 2021, 1990, 1961, 1954, 1953, 1914, 1900 और 1895।
ऐसे में करीब 41 वर्षों से अक्टूबर में कोई चक्रवात तूफान नहीं आया और बीते 132 वर्षों के बीच नवंबर 32 बार बिना चक्रवातों के निकल गया।
इस बारे में स्काईमेट के अनुसार, आज शाम से उत्तरी आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पड़ोसी पश्चिम बंगाल के तट पर करीब 6 बजे के बाद से खराब मौसम की स्थिति का खतरा है। इस दौरान मौसम काफी अधिक खराब रहने की संभावना भी जाहिर की जा रही है।
मौसम की जानकारी देते हुए मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि जवाद तूफान लैंडफॉल स्टेज पर पहुंचने से पहले एक भीषण चक्रवाती तूफान बन सकता है. इसकी वजह से उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा के तटीय इलाकों में तूफान के कहर से तबाही का खतरा मंडरा रहा है।
तूफान से खराब होते मौसम को देखते हुए मौसम पूर्वानुमान विभाग के मुताबिक, तीन दिसंबर को मध्य बंगाल की खाड़ी में चक्रवात के उठने की पूर्ण संभावना है। इस तूफान की वजह से हवा की गति 117 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है। वहीं इससे तटीय आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भीषण वर्षा की भी संभावना है।
चक्रवाती तूफान से इतना नुकसान
Jawad Tufan Se Nuksan
शक्तिशाली चक्रवाती तूफान जवाद के प्रभावशाली होने की वजह से अलर्ट जारी कर दिया गया है। इसके प्रभाव से झमाझम बारिश तो होगी ही, साथ ही तेज आंधी जैसी तेज हवा चलने की संभावना भी है।
जिसके चलते मौसम में बदलाव केवल उत्तर प्रदेश (cyclone alert in up) में ही नहीं, बल्कि बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, उड़ीसा, पश्चिमी बंगाल, गुजरात समेत अन्य कई राज्यों में भी होगा। इस तूफान का असर देश के कई राज्यों में एक साथ देखने को मिल सकता है।