हरियाणा के पंचायत चुनाव के देर रात आए परिणाम में कई रोचक नतीजे दिखे। कहीं सरपंच उम्मीदवार 1 या 2 वोट से जीता तो कहीं वोट बराबर होने पर टास से फैसला करना पड़ा। कई जगह तो नतीजे के लिए 2-3 बार मतगणना करनी पड़ गई। जिसके चक्कर में पहले हारा उम्मीदवार बाद में जीत गया तो पहले कहीं जीता उम्मीदवार हार गया।
टास से बना सरपंच
पानीपत के गांव खलीला माजरा में सरपंच का फैसला टास से हुआ। असल में यहां 2 उम्मीदवारों रकम सिंह और अमित को 302-302 वोट मिले। वोट बराबर होने पर प्रशासन ने फैसला लिया कि टास से हार-जीत का फैसला होगा। इसमें टास करने के बाद अमित सरपंच का चुनाव जीत गए।
जींद में 3 बार टास से हुआ फैसला
अलेवा खंड के गांव खांडा में सरपंच पद को लेकर बड़ा ही रोचक मुकाबला हुआ। यहां प्रवीण देवी और ईजा देवी के बीच कांटे की टक्कर रही। मतगणना के दौरान दोनों प्रत्याशियों को ही 685-685 वोट मिले। मुकाबला दोनों में बराबरी पर रहा। ऐसे में जिला प्रशासन ने टास कर हार जीत करने का फैसला लिया। टास तीन बार किए गए। जिसमें एक टास प्रवीण देवी ने जीता जबकि दो बार टास ईजा देवी ने जीते। प्रशासन ने ईजा देवी को सरपंच घोषित कर दिया।
गरेटा को 2 वोट से मिली विजय
जिला कैथल के कई गांवों की सरपंची के लिए मुकाबला कांटे का रहा। उमेदपुर से बलविंदर सिंह गरेटा केवल 2 वोट से जीत कर सरपंच बने हैं। वे पहले भी गांव के सरपंच रहे हैं। वहीं बालू बिढ़ान पट्टी से साहिल 16 से मत से विजयी रहे। इन दोनों के अलावा भी कई अन्य गांवों में भी इसी प्रकार से कड़े मुकाबले हुए हैं।
तीन बार काउंटिंग के बाद कविता बनीं सरपंच
गांव बुड्ढाखेड़ा में तीन बार काउंटिंग हुई। पहली काउंटिंग में रेखा विजयी रहीं। दूसरी बार काउंटिंग में कविता को जीता हुआ दिखाया गया। इसके बाद तनाव हो गया। जब तीसरी बार काउंटिंग हुई तो कविता को 21 मतों से प्रशासन ने विजयी घोषित किया।
17,347 मतदान से पहले ही बन चुके पंच-सरपंच
पहले चरण के मतदान शुरू होने से पहले ही 17,347 पंच, सरपंच और पंचायत समिति सदस्य सर्वसम्मति से चुन लिए गए हैं। सरकार ने इसे सर्वसम्मति के बदले प्रोत्साहन राशि करार दिया है। जो पंचायत के खाते में जाएगी। जिसे वह गांव के विकास कार्य में खर्च कर सकेंगे। 2015 में सरकार की ओर से सर्वसम्मति से चुने जनप्रतिनिधियों को लगभग 200 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि दी गई थी।
अब 86.57 करोड़ मिलेंगे
सर्वसम्मति से बने सरपंचों को अब हरियाणा सरकार चुनाव खर्च बचाने पर इन्हें 86.79 रुपए का इनाम देगी। फिलहाल यह पहले चरण के 9 जिलों में बनी सर्वसम्मति का इनाम है। अभी 2 और चरण के चुनाव होने बाकी हैं। सर्वसम्मति से चुनी पंचायत को 11 लाख रुपए दिए जाते हैं। इसी तरह सरपंच के लिए 5 लाख, पंच के लिए 50 हजार और पंचायत समिति सदस्य के लिए 2 लाख रुपए दिए जाते हैं। हालांकि यह रकम व्यक्तिगत तौर पर नहीं बल्कि गांव के विकास के लिए दी जाती है।