18वीं लोकसभा के पहले संसद सत्र के चौथे दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अभिभाषण हुआ। 50 मिनट के भाषण में राष्ट्रपति ने हर मुद्दे पर बात की। उन्होंने कहा- पेपर लीक करने वालों को कड़ी सजा दिलाई जाएगी। उन्होंने सेना को आत्मनिर्भर बनाने की तैयारियां भी बताईं। नॉर्थ-ईस्ट में शांति के लिए सरकार के प्रयासों का भी जिक्र किया।
राष्ट्रपति ने कहा- अगले बजट सत्र में बड़े फैसले लिए जाएंगे। उन्होंने आपातकाल को संविधान पर सीधा हमला बताया, यह भी कहा- देश ने इस हमले से उबरकर दिखाया।
उन्होंने महिलाओं, युवाओं, किसानों, गरीबों के बारे में बात की। राष्ट्रपति ने चुनाव आयोग की तारीफ की, वहीं GST को भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए मील का पत्थर बताया।
AAP सांसद संजय सिंह की अगुआई में पार्टी नेताओं ने संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी और एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ नारेबाजी की।
उपराष्ट्रपति अब राष्ट्रपति के भाषण का इंग्लिश वर्जन पढ़ रहे
राष्ट्रपति का अभिभाषण पूरा हो गया है। उन्होंने 50 मिनट भाषण दिया अब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ उनके भाषण के मुख्य अंशों का अंग्रेजी वर्जन पढ़ रहे हैं।
आने वाला दौर भारत का
राष्ट्रपति बोलीं- इस संकल्प की सिद्धि में अवरोध न हो ये हम सभी का दायित्व और कर्तव्य है। जब संसद सुचारू चलती है, स्वस्थ्य चर्चा होती है। लोगों का विश्वास पूरी व्यवस्था पर बढ़ता है। जब भारत विकसित राष्ट्र बनेगा तो इसमें आपकी भी सहभागिता होगी। आने वाला दौर भारत का है, सदी भारत की है, इसका असर हजार साल तक रहेगा।
विकसित भारत बनाने के लिए नई गति प्राप्त कर चुके
आप सभी जानते हैं आज का समय पूरी तरह से भारत के लिए अनुकूल है। आज क्या नीतियां, निर्णय बनते हैं, इस पर पूरी दुनिया की नजर है। पिछले दस साल में जो हुआ, उससे हम विकसित भारत बनाने के लिए नई गति प्राप्त कर चुके हैं।
26 नवंबर को संविधान दिवस मनाना शुरू किया
राष्ट्रपति बोलीं- 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। जम्मू कश्मीर में भी उन जगहों पर संविधान पूरी तरह लागू हो गया है, जहां 370 के कारण यह संभव नहीं था।
आपातकाल संविधान पर सीधा हमला था
राष्ट्रपति ने कहा- आने वाले कुछ महीने में भारत गणतंत्र के रूप में 75 साल पूरे करने जा रहा है। देश में संविधान लागू होने के बाद भी कई बार हमले हुए है। आज 27 जून है, 25 जून 1975 को लागू हुआ आपातकाल संविधान पर हमले का सीधा सबूत है। लेकिन देश ने इससे उबरकर दिखाया।
21वीं सदी के तीसरे दशक में ग्लोबल ऑर्डर एक नई शक्ल ले रहा है। मेरी सरकार के तहत आज भारत को दुनिया को नया भरोसा दे रहा है। कोरोना, युद्ध जैसे हालात में यह साबित हुआ है।