पेगासस जासूसी कांड (Jasoosi Case) देश में तूल पकड़ता जा रहा है। इसे लेकर विपक्षी दल केंद्र की मोदी सरकार पर लगातार हमलावर हैं और सदन में भी इस मुद्दे को लेकर लगातार सरकार को घेर रही हैं। इस मामले को लेकर पूरा विपक्ष एकजुट हो गया है और मामले में जांच कराने की मांग कर रहा है। इस बीच अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है।
सुप्रीम कोर्ट में पेगासस जासूसी मामले को लेकर अगले हफ्ते सुनवाई होगी। दरअसल, आज यानी शुक्रवार को वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस एनवी. रमना की बेंच के सामने इस मामले को उठाया, जिस पर फ जस्टिस ने कहा कि अगले हफ्ते वो इस मामले की सुनवाई करेंगे। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में अपील की गई है कि सुप्रीम कोर्ट के जज की अगुवाई में पेगासस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए।
पेगासस मामला क्या है?
दरअसल, बीते दिनों अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने खुलासा किया था कि भारत सरकार ने इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस से कई लोगों के फोन को हैक किया है। इनमें राहुल गांधी, प्रशांत किशोर समेत कई नेता, कुछ केंद्रीय मंत्री, पत्रकार और अन्य लोगों का नाम शामिल था। वहीं, विपक्ष अब इस मसले को लेकर संसद में रोज हंगामा कर रहा है। विपक्ष की मांग है कि इस विषय पर चर्चा की जाए, जबकि सरकार ने इन आरोपों को पूरी तरह से नकार दिया है
क्या है पेगासस स्पाइवेयर (Pegasus spyware)?
पेगासस स्पाइवेयर (Pegasus spyware) इजरायली साइबर इंटेलिजेंस फर्म NSO ग्रुप द्वारा बनाया गया है, जो निगरानी रखने का काम करता है। पेगासस एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो बिना आप की अनुमति के आपके फ़ोन में घुस जाता है, ये आपके व्यक्तिगत और संवेदनशील जानकारी इकट्ठा कर जासूसी करने वाले यूज़र को देने के लिए बनाया गया है। यही आरोप मोदी सरकार पर लगा है कि वह राहुल गांधी समेत तमाम विपक्ष के नेताओं, मीडिया कर्मियों और जानी-मानी हस्तियों की जासूसी कराई है।