इस बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ बूस्टर डोज (Covid-19 Booster Dose) लाने की तैयारी में है। हालांकि अभी नए वेरिएंट पर हो रही स्टडी और उनके नतीजों का इंतजार किया जा रहा है। इस बारे में बताते हुए सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने एक इंटरव्यू में कहा कि कोरोना के नए वेरिएंट (Covid-19 New Variant) पर हो रहे अध्ययन को पूरा होने में करीब एक से दो हफ्ते का समय लगेगा। हम शोध के निष्कर्षों के इंतजार में हैं। अगर जरुरत पड़ती है तो ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ नया टीका (Omicron Variant Vaccine) तैयार किया जाएगा।
नए टीके के बनाने में लगेगा 6 महीने का समय
अदार पूनावाला का कहना है कि जरुरत पड़ने पर नए टीके को बूस्टर डोज (Coronavirus Booster Dose) के तौर पर दिया जाएगा। शोध के आधार पर ही यह तय किया जाएगा कि यह तीसरी या चौथी वैक्सीन होगी या फिर बूस्टर डोट। इसे तैयार करने में छह महीने का समय लग सकता है। या फिर यह भी हो सकता है कि नए वेरिएंट के लिए अतिरिक्त वैक्सीन बनाने की जरूरत ही ना पड़े। इसके साथ ही सीरम के सीईओ का कहना है कि अगर लोगों को बूस्टर डोज देने की आवश्यकता पड़ती है तो हमारे पास पर्याप्त खुराक मौजूद है। सरकार के घोषित करने पर हम उसे उपलब्ध कराएंगे।
लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लेने की दी सलाह
अदार पूनावाला ने लोगों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने की भी सलाह दी है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने अब तक कोरोना की केवल एक ही डोज ली है या फिर अब तक एक भी खुराक नहीं ली है। उन्हें टीके की दोनों खुराक लेनी चाहिए। इसके बाद अगर जरुरत पड़ी तो बूस्टर डोज का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। फिलहाल सरकार की अभी ऐसी कोई योजना नहीं है।