New Delhi/Atulya Loktantra : निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस में दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी कराने के लिए निर्भया के माता-पिता ने पटियाला हाउस कोर्ट में अर्जी दी है. पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों को नोटिस जारी किया है. दोषियों की याचिका पर कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा.
निर्भया के माता पिता ने सभी दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी करने की याचिका निचली अदालत में दायर की है. मंगलवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के माता-पिता की याचिका पर सभी पक्षों को नोटिस जारी कर बुधवार को जवाब दायर करने को कहा है.
पिछली सुनवाई के वक्त जब दिल्ली सरकार ने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर नया डेथ वारेंट जारी करने गुहार लगाई थी तब कोर्ट ने कहा था कि हाई कोर्ट ने सभी दोषियों को शेष याचिका दायर करने के लिए 1 सप्ताह का वक्त दिया है. हाई कोर्ट की ओरसे दोषियों को दी गई मियाद 11 फरवरी को ही खत्म हो गई थी, जिसके बाद निर्भया के माता-पिता पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचे और डेथ वारंट जारी करने की अपील की.
निर्भया के दोषियों की ओर से जारी लगातार याचिकाओं के चलते फांसी की सजा बार-बार टल रही है. निर्भया गैंगरेप केस में कुल 6 लोग दोषी पाए गए थे, जिसमें एक नाबालिग भी था. नाबालिग दोषी अपनी सजा काटकर रिहा हो चुका है , वहीं एक दोषी राम सिंह ने खुदकुशी कर ली थी. निर्भया के माता-पिता ने याचिका दायर कहा कि दोषी कानून का मजाक उड़ा रहे हैं. कोर्ट ने निर्भया के चारों दोषियों को नोटिस जारी किया है. इस मामले पर बुधवार दोपहर 2 बजे सुनवाई होगी.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को निर्भया के चारो दोषियों को एकसाथ फांसी दिए जाने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग वाली केंद्र की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया. सॉलिस्टिर जनरल तुषार मेहता ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि अधिकारी डेथ वारंट के लिए आगे बढ़ना चाहते हैं, लेकिन एक दोषी ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका और क्यूरेटिव पिटीशन के अधिकार का प्रयोग नहीं किया है और वह सभी दोषियों की फांसी रुकवाने के लिए दया याचिका दे सकता है.
डेथ वारंट जारी कराने के लिए लोअर कोर्ट जाए सरकार
जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और एएस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि केंद्र को डेथ वारंट की नई डेट के लिए निचली अदालत का रुख करना चाहिए. जस्टिस भूषण ने सुनवाई के दौरान कहा कि अगर कुछ बचा नहीं है तो आप नए वारंट के लिए कह सकते हैं.
तुषार मेहता ने कहा कि दोषी पवन को छोड़कर तीनों दोषियों ने अपने सभी कानूनी उपचारों का प्रयोग कर लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि चार दोषियों में से किसी ने भी दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा दिए एक हफ्ते के समय में कोई कदम नहीं उठाया. इस स्थिति में केंद्र नए डेथ वारंट के लिए निचली अदालत के पास जा सकता है.