Faridabad/Atulya Loktantra : सूरजकुंड मेला समाप्त होने के बाद थीम स्टेट हिमाचल प्रदेश द्वारा फरीदाबाद के पत्रकारों के लिए दिए गए तोहफे आखिर कौन डकार गया। यह मुद्दा पत्रकारों के बीच चर्चा का केंद्र बना हुआ है। जिला लोकसंपर्क विभाग व टूरिज्म विभाग एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं। पत्रकार संगठनो ने सूरजकुड़ में हुई खामियों को लेकर अब लोक सम्पर्क विभाग के खिलाफ सीएम को शिकायत करने के लिए लामबन्द हो गये हैं।
बता दें कि पिछले 34 वर्षों से सूरजकुंड में आयोजित मेले में पत्रकारों के लिए हरियाणा के साथ साथ थीम स्टेट द्वारा तोहफे दिए जाते हैं। हर बार यह मुद्दा विवादों के चलते सुर्खियों में रहता है। तोहफों के वितरण को लेकर लोकसंपर्क एवं टूरिज्म विभाग जमकर दोषारोपण होता हैं । इस बार फिर से 34 वें सूरजकुंड मेले में पुरानी प्रथा के अनुसार पत्रकारों के लिए हरियाण व हिमाचल प्रदेश की ओर से तोहफे आए। लेकिन तोहफों का वितरण पहले ही दिन से विवादों में घिर गया।
अनेक पत्रकारों ने लोकसंपर्क विभाग पर जमकर आरोप लगाए। कहा गया कि विभाग के अधिकारी अपनी मनमर्जी से तोहफों का वितरण कर रहे हैं। इसमें धांधली के आरोप भी लगाए गए। किसी तरह से हरियाणा टूरिज्म की ओर से आए तोहफे तो बांट दिए गए, मगर हिमाचल प्रदेश के परांपरागत तोहफों को लेकर विवाद खड़ा हो गया। इसके अलावा मेले में एंट्री हेतु पत्रकारों के लिए टूरिज्म विभाग की ओर से लोकसंपर्क विभाग को दिए गए एंट्री पास के वितरण को लेकर भी विवाद खड़ा हो गया। पत्रकारों ने इस संदर्भ में जिला उपायुक्त यशपाल यादव को शिकायत दी।
शिकायत के बाद उपायुक्त ने तत्काल संज्ञान लिया। उन्होंने मामले को हल करने के लिए टूरिज्म अधिकारी राजेश जून को जिम्मेदारी सौंपी। जून ने भी अपनी ओर से दो पत्रकार, टूरिज्म अधिकारी अनिल सचदेवा एवं लोकसंपर्क अधिकारी सुरेंद्र बाजार की एक कमेटी बनाई । इस कमेटी के बीच तय हुआ कि सभी पत्रकारों को सम्मान पूर्वक एंट्री पास एवं उपहारों का वितरण होगा। इस कमेटी के मार्गदर्शन में पत्रकारों को हिमाचल प्रदेश से आए उपहारों का वितरण किया जाएगा। मगर मेले के अंतिम दिन लोकसंपर्क विभाग की ओर से एक संदेश जारी हुआ, जिसमें सभी पत्रकारों से अपने उपहार टूरिज्म अधिकारी अनिल सचदेवा से लेने के लिए कहा गया। मगर इस दौरान उपहारों की जमकर बंटरबांट की गई।
अधिकांश पत्रकार इन उपहारों से वंचित रह गए। दोनों विभागों की इस करतूत से पत्रकारों में खासा रोष है। जबकि कमेटी में शामिल दोनों पत्रकारों से इस संदर्भ में किसी भी प्रकार की सलाह नहीं ली गई। फरीदाबाद के पत्रकारों का कहना है कि उन्हें तोहफे मिले या ना मिलें, मगर टॅूरिज्म व लोकसंपर्क विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली से वह बेहद आहत हैं। ये अधिकारी अपने चहेतों को जमकर तोहफे बांट रहे हैं। इससे बाकि पत्रकारों में खासी नाराजगी है। उनका कहना है कि पारदर्शिता के बिना यह काम किया गया है, जोकि पूरी तरह से संदेह के घेरे में है। इसलिए दोनों विभागों के संबंधित अधिकारियों के खिलाफ उचित जांच होनी चाहिए। उनका कहना है कि वह इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री को शिकायत भेजेंगे।