New Delhi/AtulyaLoktantra : दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में एक बार फिर से स्टूडेंट्स का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. ये प्रदर्शन सोमवार को इंटर हॉस्टल कमेटी की तरफ से लिए गए फैसलों के विरोध में है. प्रोटेस्ट में मंगलवार को जेएनयू छात्र संघ ने कंप्लीट यूनिवर्सिटी स्ट्राइक का आयोजन किया है.
सुबह होते ही डिपार्टमेंट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के बाहर सैकड़ों की तादाद में स्टूडेंट्स इकट्ठा होकर बैठ गए. इसके बाद छात्रों ने जेएनयू के अलग-अलग विभागों में मार्च निकाला.
स्टूडेंट्स का कहना है कि जब तक ये फैसले वापस नहीं लिए जाते, उनका विरोध प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा. इस प्रदर्शन की खास बात ये है कि एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) संगठन ने भी इस प्रोटेस्ट को समर्थन दिया है. इस बारे में जेएनयू के एबीवीपी अध्यक्ष दुर्गेश का कहना है कि कुछ छात्रों ने डीन की एंबुलेंस रोका जिसका वह पूरी तरह से विरोध करते हैं.
बता दें कि सोमवार को इंटर हॉस्टल एडमिनिस्ट्रेशन की कमेटी ने मीटिंग बुलाई थी. इस मीटिंग में कुछ फैसले लेने थे. इस बैठक में हॉस्टल की फीस बढ़ोतरी से लेकर हॉस्टल से आने जाने का वक्त तय करना और प्रोटेस्ट करने पर फाइन पनिशमेंट आदि लगाने जैसे नियमों पर चर्चा हुई थी.
सोमवार को भी इस बैठक के विरोध में छात्रों ने बड़ी संख्या में आगे आकर विरोध प्रदर्शन किया था.
क्यों है विरोध
जेएनयू ने 23 अक्टूबर से जेएनयू कैंपस के गेट बंद करने का नया नियम लागू किया था. इसकी जानकारी अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन विभाग के डीन की ओर से मिले एक नोटिस के जरिये छात्रों को ये दी गई.
इस नोटिस में रूम नंबर 16, कॉमन रूम्स और एसआईएस 1 व एसआईएस टू के मेन गेट को लेकर नया नियम लागू किया गया है. ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) ने प्रशासन पर कैंपस के गेट शाम छह बजे के बाद बंद करने के नये नियम पर विरोध जताया. AISA ने कहा कि कैंपस के गेटों को शाम छह बजे बंद कर देना आवाजाही की स्वतंत्रता को सीमित करना है. प्रशासन ने कहा था कि यह कदम छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और बाहरी लोगों के इमारत में प्रवेश को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है.
पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष एन साईं बाला जी का कहना है कि कुलपति स्टूडेंट को पढ़ने लिखने का सही माहौल नहीं दे पाए हैं. अब स्टूडेंट कम्यूनिटी अपनी स्टडी के लिए किसी भी तरीके से टाइम निकालकर पढ़ते हैं तो उन पर भी पहरे बैठाए जा रहे हैं.
वहीं इस बारे में जेएनयू प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था का हवाला दिया था. प्रशासन ने कहा कि इमारत में चार प्रवेश द्वार हैं और सभी से छात्रों के प्रवेश की निगरानी करना मुश्किल है