नवरात्रि के पहले दिन जम्मू-कश्मीर के पूर्व CM नेता गुलाम नबी आजाद ने अपनी पार्टी का ऐलान कर दिया है। उन्होंने अपनी पार्टी का नाम डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी रखा है। आजाद ने बताया- मेरी नई पार्टी के लिए लगभग 1,500 नाम हमें उर्दू, संस्कृत में भेजे गए थे। हिन्दी और उर्दू का मिश्रण ‘हिन्दुस्तानी’ है। हम चाहते हैं कि नाम लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण और स्वतंत्र हो।
नई पार्टी का फ्लैग भी लॉन्च
गुलाम नबी आजाद ने जम्मू में प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी नई पार्टी का फ्लैग भी लॉन्च किया। मस्टर्ड, सफेद और नीले कलर से बने इस फ्लैग का संदेश काफी अच्छा है। मस्टर्ड कलर क्रिएटिविटी और यूनिटी को दर्शानता है। सफेद शांति को दर्शाता है और नीला स्वतंत्रता, खुली जगह, कल्पना और समुद्र की गहराई से आकाश की ऊंचाइयों तक की सीमाओं को दर्शाता है। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि नई पार्टी में उम्र की कोई सीमा नहीं होगी। युवा और दिग्गज पार्टी में एक साथ काम करेंगे।
आजाद ने 26 अगस्त को छोड़ी थी कांग्रेस
गुलाम नबी आजाद ने 26 अगस्त को कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। उनके बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद सहित कई पूर्व मंत्रियों और विधायकों ने कांग्रेस छोड़ दी थी। कांग्रेस छोड़ने के साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर में नई पार्टी लॉन्च करने की घोषणा की थी।
इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर के लोग पार्टी का नाम और झंडा तय करेंगे। उन्होंने रैली में कहा था, ‘मैंने अभी तक अपनी पार्टी के लिए नाम तय नहीं किया है। जम्मू-कश्मीर के लोग पार्टी का नाम और झंडा तय करेंगे। मैं अपनी पार्टी को एक हिंदुस्तानी नाम दूंगा जिसे हर कोई समझ सके।’
आजाद ने सोनिया को पांच पन्ने की चिट्ठी भेजी
इधर. आजाद ने अपने इस्तीफे के तौर पर पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पांच पन्ने की चिट्ठी भेजी है। इस्तीफे के इन पन्नों में 7 किरदार और 3 हालात हैं। सबसे सख्त बयान राहुल को लेकर है। आजाद ने उन्हें कांग्रेस की बर्बादी की वजह बताया है। आइए बारी-बारी से जानते हैं आजाद की चिट्ठी में लिखे गए किरदारों और हालात के बारे में…
सोनिया के बारे में: बेशक कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर आपने यूपीए-1 और यूपीए-2 के गठन में शानदार काम किया। इस सफलता का सबसे बड़ा कारण यह था कि आपने अध्यक्ष के तौर पर बुद्धिमान सलाहकारों और वरिष्ठ नेताओं के फैसलों पर भरोसा किया, उन्हें ताकत दी और उनका ख्याल रखा।
आजाद ने सोनिया को पांच पन्ने की चिट्ठी भेजी
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