दरअसल, मोदी सरकार 1 अक्टूबर से लेबर कोड (Labour Code Rules) के नियमों को लागू करना चाहती है। अगर देश में लेबर कोड के नियमों को लागू किया जाता है तो दफ्तर में काम करने का तरीक पूरी तरीके से बदल सकता है। इस नियम के आने के बाद, आपके काम के घंटे बढ़ सकते हैं, लेकिन ओवरटाइम के नियम (Overtime rules) भी बदल जाएंगे। 30 मिनट से ज्यादा काम करने पर कंपनी को ओवरटाइम का पैसा देना होगा। इतना ही नहीं नए लेबर कोड के तहत कोई भी कंपनी अपने कर्मचारियों को लगातार 5 घंटे से अधिक काम नहीं करा पाएगी, उन्हें ब्रेक देना ही होगा। तो आइए जानते हैं कैसे बदल सकता है ऑफिस में काम करने का तरीका।
काम के बीच देना होगा ब्रेक-
Labour Code Rules लागू होने से कोई भी कंपनी 5 घंटे से ज्यादा अपने कर्मचारियों से काम नहीं करा पाएगी। उन्हें आपको ब्रेक देना ही होगा। ड्राफ्ट नियमों में किसी भी कर्मचारी से 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम कराने को प्रतिबंधित किया गया है। कर्मचारियों को हर पांच घंटे के बाद आधा घंटे का विश्राम देने के निर्देश भी शामिल हैं।
1 अक्टूबर से लागू होंगे नये नियम-
सरकार नए लेबर कोड में नियमों को 1 अप्रैल, 2021 से लागू करना चाहती थी लेकिन राज्यों की तैयारी न होने और कंपनियों को एचआर पॉलिसी (HR Policy) बदलने के लिए ज्यादा समय देने के कारण इन्हें टाल दिया गया। लेबर मिनिस्ट्री (Labour Ministry) के मुताबिक सरकार लेबर कोड के नियमों को 1 जुलाई से नोटिफाई करना चाहते थे लेकिन राज्यों ने इन नियमों को लागू करने के लिए और समय मांगा, जिसके कारण इन्हें 1 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया गया। अब लेबर मिनिस्ट्री और मोदी सरकार लेबर कोड के नियमों को 1 अक्टूबर तक नोटिफाई करना चाहती है। संसद ने अगस्त 2019 को तीन लेबर कोड इंडस्ट्रियल रिलेशन, काम की सुरक्षा, हेल्थ और वर्किंग कंडीशन और सोशल सिक्योरिटी से जुड़े नियमों में बदलाव किया था। ये नियम सितंबर 2020 को पास हो गए थे।
बदलेंगे ओवरटाइम के नियम-
OSH कोड के ड्राफ्ट नियमों में 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट गिनकर ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान है। मौजूदा नियम में 30 मिनट से कम समय को ओवरटाइम योग्य नहीं माना जाता है।
बढ़ जाएंगे काम के घंटे-
नए लेबर कोड में काम के घंटे बढ़ाकर 12 घंटे करने का प्रावधान है, जो अभी ज्यादातर ऑफिसों में 8 से 9 घंटे की शिफ्ट होती है। नए नियम के बाद, सप्ताह में 48 घंटे काम करना होगा। अगर कोई व्यक्ति रोजाना 8 घंटे काम करता है तो उसे सप्ताह में 6 दिन काम करना होगा।
9 घंटे काम करने पर 5 दिन हफ्ते में काम करना होगा, यदि आप 12 घंटे काम करते हैं तो हफ्ते में 3 दिन छुट्टी मिलेगी। यानी अगर आप बाकी 4 दिन सोमवार सो गुरुवार 12 घंटे काम करते हैं, तो हफ्ते में तीन दिन शुक्रवार, शनिवार और रविवार को छुट्टी मिलेगी। हालांकि, लेबर यूनियन 12 घंटे नौकरी करने का विरोध कर रही हैं।
PF बढ़ेगा और वेतन घटेगा-
नए ड्राफ्ट रूल के अनुसार, मूल वेतन कुल वेतन का 50% या अधिक होना चाहिए. इससे ज्यादातर कर्मचारियों की वेतन का स्ट्रक्चर में बदलाव आएगा। बेसिक सैलरी बढ़ने से PF और ग्रेच्युटी के लिए कटने वाला पैसा बढ़ जाएगा क्योंकि इसमें जानें वाला पैसा बेसिक सैलरी के अनुपात में होता है।