लोजपा, अपना दल (एस), जद (यू), लोजपा, अन्नादु्रमुक के अलावा कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने वाले राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछले 15 महीनों से मंत्रिमंडल में शामिल होने का इंतजार कर रहे हैं। भाजपा में शामिल होने के करीब 15 महीने बाद राज्यसभा सांसद सिंधिया का जल्द ही मोदी कैबिनेट में शामिल होना तय हैं।
मध्यप्रदेश विधानसभा की 28 सीटों के उपचुनाव में भाजपा 19 सीटे जीती थी। जिसमें यह सारे विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया से जुडे़ थें। भाजपा हाईकमान सिंधिया को अब इसका इनाम देने जा रहा है। उनके अलावा दिनेश त्रिवेदी, भूपिंदर यादव, अश्विनी वैष्णव, वरुण गांधी और जमयांग सेरिंग नामग्याल को मंत्री बनाया जाना भी करीब-करीब तय हो चुका है।
अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले केन्द्र और प्रदेश में सरकार को समर्थन देने वाले अपना (एस) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल को भी मंत्रिमंडल में शामिल कराने की तैयारी है। मोदी के प्रधानमंत्रित्व में बनी एनडीए की पहली सरकार में वह शामिल थी लेकिन इस बार उनको मंत्रिमंडल में मौका नहीं दिया गया जिसका अपना दल (एस) काफी दिनों से इंतजार कर रहा है।
उधर, लोकतात्रिंक जनशक्ति पार्टी में हुई टूट फूट के बाद अब इस दल को भी मंत्रिमंडल में शामिल कर दलितों को संदेश देने की बड़ी तैयारी की जा रही है। भाजपा की रणनीति है कि इसी बहाने पांच राज्यों में दलितों के प्रति भाजपा के सद्भाव का एक बेहतरीन संदेश जा सकता है।
खास बात यह है कि भाजपा की केन्द्र में चल रही सरकार में सहयोगी दलों के मंत्रिमंडल में शामिल होने के नाम पर केवल रिपब्लिक पार्टी के रामदास अठावले ही है जो कि राज्यमंत्री हैं बाकी कैबिनेट के सभी मंत्री भाजपा के ही हैं। इसलिए अब मंत्रिमंडल विस्तार में सहयोगी दलों को शामिल करना लगभग तय है।