बता दें, कि पिछले महीने पंजाब के ही लुधियाना कोर्ट में हुए ब्लास्ट (ludhiana court blast) मामले में भी सिख फॉर जस्टिस (SFJ) संगठन का ही हाथ था। हमले के आरोपी जसविंदर सिंह मुल्तानी ((Jaswinder Singh Multani) को जर्मनी से गिरफ्तार किया गया था। जसविंदर सिंह मुल्तानी को ‘सिख फॉर जस्टिस’ का सक्रिय सदस्य के रूप में जाना जाता रहा है।
गौरतलब है, कि सिख फॉर जस्टिस एक खालिस्तानी संगठन है। इस संगठन को भारत सरकार पहले ही प्रतिबंधित कर चुकी है। संगठन का हेडक्वार्टर (Headquarters) अमेरिका में है। इस संगठन के कई सदस्य एनआईए (NIA) के रडार पर हैं।
‘सुरक्षा में चूक हुई है’
वहीं, आज इससे पहले पंजाब में पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक मामले पर में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व जज की अध्यक्षता में कमिटी गठित की है। मामले की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) ने कहा, कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से जो ‘कारण बताओ नोटिस’ डीजी और पंजाब के चीफ सेक्रेटरी (chief secretary) को भेजा गया था। अब तक केंद्र सरकार की ओर से तय समिति की ओर से कोई सुनवाई नहीं की गई है। सर्वोच्च अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा, ‘यह बात सही है कि सुरक्षा में चूक हुई है। खुद पंजाब सरकार ने इस बात को स्वीकार किया है। लेकिन, सवाल यह है कि यदि जांच कमिटी गठित की जाए तो वह क्या करेगी।’
समितियों पर रोक जारी रहेगी
इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना की बेंच ने कहा, ‘यदि इस मामले में आप जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं, तो फिर कोर्ट इसमें क्या कर सकता है? साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा, कि घटना की जांच के लिए पंजाब और केंद्र सरकार की ओर से गठित समितियों पर रोक जारी रहेगी।