अगर आप भी उनमें से एक हैं तो फिर संभल जाइए। क्योंकि भारत में मिला कोरोना वेरिएंट डेल्टा (Delta Variant) वैक्सीनेशन करवा चुके लोगों को भी संक्रमित कर रहा है। ये खुलासा हाल ही में एक अध्ययन में हुआ है।
दरअसल, हाल ही में दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने एक शोध में दावा किया है कि इसकी कोई गारंटी नहीं है कि कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लगवाने के बाद लोग वायरस से संक्रमित नहीं होंगे। वैक्सीन केवल यह सुनिश्चित करती है कि संक्रमण का असर गंभीर नहीं होगा।
अध्ययन में हुआ ये खुलासा
एम्स द्वारा किए गए इस स्टडी में 63 उन लोगों को शामिल किया गया था जो वैक्सीनेशन के बाद कोरोना संक्रमित हुए थे। इनमें से 36 को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी थीं, जबकि 27 को केवल एक डोज लगी थी। इन सभी में भारत में पहचान हुए कोरोना के नए वेरिएंट डेल्टा की पुष्टि हुई।
कोवैक्सीन है इन वेरिएंट्स पर प्रभावित
हालांकि राहत की बात ये है कि डेल्टा कोरोना वेरिएंट पर भारत बायोटेक की कोवैक्सीन असरदार बताई जा रही है। एक शोध में इस बात का दावा किया गया है कि कोवैक्सीन कोविड-19 के खतरनाक वेरिएंट डेल्टा और बीटा से सुरक्षा प्रदान करती है। कोवैक्सीन बीटा और डेल्टा वेरिएंट्स के खिलाफ एंटीबॉडी बनाने में मददगार है।
बता दें कि हाल ही में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने भारत में पाए जाने वाले वेरिएंट्स का नामकरण किया है। देश में अक्टूबर 2020 में मिले कोरोना वेरिएंट B.1.617.2 G/452R.V3 का नाम डेल्टा वेरिएंट रखा गया है, जबकि भारत में ही मिले दूसरे कोरोना वेरिएंट B.1.617.1 का नाम कप्पा रखा गया है। वहीं, बीटा वेरिएंट (B.1.351) की खोज पहली बार दक्षिण अफ्रीका में हुई थी। शोध में सामने आया है कि इन दोनों वेरिएंट के खिलाफ कोवैक्सीन प्रभावी है।