कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने फैक्ट फाइंडिंग कमेठी का गठन किया है। लोकसभा चुनाव 2024 में जिन राज्यों में पार्टी का प्रदर्शन पूरी तरह से खराब रहा और जिन राज्यों में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा, अब ये कमेटी हार और खराब प्रदर्शन के कारणों को जानेगी।
लोकसभा चुनाव में जिन राज्यों में पार्टी का प्रदर्शन बहुत बुरा रहा है, उनमें मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना और दिल्ली के नाम शामिल हैं। मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के हिस्से एक सीट भी नहीं आई
वहीं, कर्नाटक और तेलंगाना में भी उसका प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा है। हिमाचल प्रदेश में तो कांग्रेस की सरकार है। फिर भी पार्टी खाली हाथ रही है।
कांग्रेस का लोकसभा चुनाव 2024 में प्रदर्शन
कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 में 99 सीट हासिल की हैं। राहुल गांधी रायबरेली और वायनाड दोनों ही सीटों से जीते थे। हालांकि, उन्होंने वायनाड सीट छोड़ दी है। अब प्रियंका गांधी वाड्रा उपचुनाव में वायनाड से लड़ेंगी।
मध्य प्रदेश- 29 सीटें: हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने मप्र की 29 में से एक खजुराहो सीट समाजवादी पार्टी को गठबंधन में दी थी। 28 सीटों पर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार उतारे थे। लेकिन, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के गृह क्षेत्र इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने नामांकन वापस ले लिया था। ऐसे में कांग्रेस इंदौर सीट पर मैदान में ही नहीं रह सकी। और एमपी की 27 सीटों पर कांग्रेस ने चुनाव लड़ा। लेकिन, सभी सीटों पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा।
छत्तीसगढ़- 11 सीटें: छत्तीसगढ़ की 11 सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला था। भाजपा ने 10 सीटें जीतीं। वहीं कांग्रेस के खाते में सिर्फ एक सीट आई। राजनांदगांव से पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बघेल 44 हजार से ज्यादा वोटों से हार गए। 2019 में भाजपा को यहां 9 और कांग्रेस को 2 सीटें मिली थीं। तब यहां कांग्रेस की सरकार थी। इस बार सत्ता भाजपा की है।
तेलंगाना- 17 सीटें: तेलंगाना की 17 सीटों पर बीजेपी ने 8 सीटों पर जीत हासिल की। कांग्रेस ने भी 8 सीटों पर जीत दर्ज की। AIMIM को सिर्फ एक ही सीट पर जीत मिली। यह हैदराबाद सीट है, जहां असदुद्दीन ओवैसी जीते। 2019 में तब सत्ता में रही BRS ने सबसे ज्यादा 9 सीटें जीतीं। इसके बाद भाजपा को 4, कांग्रेस को 3 और AIMIM को 1 सीट मिली थी।
कर्नाटक- 28 सीटें: कर्नाटक की 28 सीटों पर बीजेपी और सहयोगी दल जेडीएस ने बाजी मारी। भाजपा ने 17 सीटें जीतीं वहीं जेडीएस के खाते में 2 सीटें आई। कांग्रेस को सिर्फ 9 सीटें मिलीं। भाजपा का एकमात्र दक्षिण का गढ़ माने जाने वाले कर्नाटक में 2019 में पार्टी को 25 सीटें मिलीं थीं। कांग्रेस, JDS और निर्दलीय एक-एक सीट ही जीत पाई थी।
दिल्ली – 7 सीटें: दिल्ली में बीजेपी ने विपक्षियों का पूरी तरह से सफाया किया। भाजपा ने सभी 7 सीटों पर जीत दर्ज की। यहां कांग्रेस और AAP का खाता तक नहीं खुला। 2019 में भी बीजेपी ने दिल्ली की सभी सात सीटें जीती थीं।
हिमाचल प्रदेश – 4 सीटें: हिमाचल प्रदेश में बीजेपी ने क्लीनस्वीप किया। राज्य की सभी चार सीटों पर बीजेपी को जीत मिली। इसमें मंडी से कंगना रनोट और हमीरपुर से अनुराग ठाकुर की सीट शामिल है। 2019 में भाजपा ने राज्य की सभी 4 सीटें जीती थीं। कांग्रेस का सफाया हो गया था। तब राज्य में भाजपा की सरकार थी, अभी कांग्रेस सत्ता में है।
ओडिशा – 21 सीटें: ओडिशा की 21 सीटों में से भाजपा को 20 सीटें मिलीं। जबकि कांग्रेस केवल एक ही सीट जीत सकी। बीजेडी एक भी सीट नहीं जीत सकी। 2019 में राज्य की 21 में से 12 सीटें सत्ताधारी BJD ने जीती थीं। भाजपा को 8 और कांग्रेस को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी।
उत्तराखंड – 5 सीटें: उत्तराखंड की सभी पांच सीटों पर बीजेपी ने कब्जा किया। यहां कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला। 2019 में भाजपा ने राज्य की सभी 5 सीटें जीती थीं। कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई। तब सत्ता में भाजपा ही थी। इस बार भी राज्य में भाजपा की ही सरकार है।