नई दिल्ली। कांग्रेस के संगठन गठन की कड़ी में पहली सीढ़ी प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने पार कर ली है। जिलाध्यक्षों के लिए पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित राज्य कांग्रेस के प्रमुख नेताओं के बीच सहमति बन गई है। प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल और कुमारी सैलजा के साथ दिल्ली में हुड्डा सहित अन्य प्रमुख नेताओं की बैठक में तय किया गया है कि प्रमुख नेताओं के प्रभाव क्षेत्र वाले जिलों में उनकी पसंद के जिलाध्यक्ष होंगे।
जिलाध्यक्ष चयन के लिए बनाए गए पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर बने तीन नाम के पैनल में से जिस जिला में प्रभावी नेता का नाम शामिल होगा, वही जिलाध्यक्ष नियुक्त कर दिया जाएगा। दिल्ली की बैठक में रणदीप सुरजेवाला और कैप्टन अजय यादव नहीं पहुंच पाए मगर इनके प्रभाव क्षेत्र के जिलों में इनकी मर्जी से ही जिलाध्यक्षों की नियुक्ति होगी। 17 अप्रैल को दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक है। माना जा रहा है कि इसी दिन प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख नेता दिल्ली में जिलाध्यक्षों की सूची को लेकर अंतिम बार बैठक करेंगे। इसके बाद जिलाध्यक्षों की सूची आलाकमान को मुहर लगने के लिए भेज दी जाएगी।
जिलाध्यक्षों पर फैसला होने के बाद दिल्ली में हुई बैठक के बाद प्रमुख नेताओं ने अब प्रदेश टीम व ब्लाक अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए भी अपनी सहमति दे दी है। अगले एक-दो दिन में प्रदेशाध्यक्ष कुमार सैलजा प्रदेश टीम व ब्लाक अध्यक्षों के चयन के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर देंगी। जिलाध्यक्षों के लिए भेजे पर्यवेक्षकों में कुछ को छोड़कर बाकी अन्य को ब्लाक व प्रदेश टीम के चयन के लिए भी भेजा जा सकता है। इसकी सूची प्रदेशाध्यक्ष 17 अप्रैल को जारी करेंगी।
प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल और प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा की जोड़ी संगठन गठन में अपने मंतव्य में सफल रही। बंसल और सैलजा चाहते थे कि जिलाध्यक्ष जमीन से जुड़े कार्यकर्ता ही बने। इसके लिए उन्होंने नियुक्ति से पहले जिला स्तर पर पर्यवेक्षक भेजकर जमीनी कार्यकर्ताओं के फीडबैक पर तीन नाम के प्रत्येक जिला में पैनल तैयार करवाए। माना जा रहा है कि जिलाध्यक्ष के पैनल में जो नाम पर्यवेक्षकों ने दिए हैं, उन्हें संगठन में किसी न किसी पद पर अवश्य समायोजित किया जाएगा।