नई दिल्ली: म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद जनता का दमन बढ़ता ही जा रहा है। देश में सेना के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन सुरक्षाबलों की कार्रवाई जारी है। हर दिन सुरक्षाबल कहीं न कहीं गोलियों की बौछार करते हैं, ग्रेनेड चलाते हैं जिससे दर्जनों लोग मारे जा चुके हैं। लोकतंत्र बहाली की मांग कर रहे लोगों, छात्रों और शिक्षकों को बड़े पैमाने पर गिरफ्तार किया जा चुका है।
म्यांमार में 1 फरवरी से ही राजनीतिक उथल-पुथल जारी है और जब से लोग लोकतंत्र की बहाली की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे हैं, सेना और पुलिस उनकी आवाज दबाने के लिए बल का प्रयोग कर रही है। म्यांमार पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव की विशेष दूत क्रिस्टीन एस बर्गनर ने कहा कि सेना के तख्तापलट के बाद से अब तक 50 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं।
म्यांमार में हर रोज सेना के तख्तापलट के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं और इसकी संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। सेना ने देश के अस्पतालों और विश्वविद्यालयों में कब्जा जमा लिया है। राजनीतिक कैदियों के लिए स्वतंत्र सहायता संघ ने दावा किया है कि 1700 लोगों को नजरबंद किया गया है।