Palwal/Atulya Loktantra : उपायुक्त डॉ. मनीराम शर्मा ने बताया कि कृषि कार्यों के साथ-साथ पशुपालन एक लाभकारी सहायक कृषि कार्य है। सीमांत किसानों, बेरोजगार युवाओं को भी पशुपालन का व्यवसाय अपनाना चाहिए। सभी पशु चिकित्सकों की सलाह से पशुपालन करें। पशु पालन एवं डेयरिंग विभाग की योजनाओं का लाभ उठाएं। पशु चिकित्सकों की सलाह पर अपने पशुओं में रोगों की रोकथाम के लिए समय-समय पर टीकाकरण अवश्य करवाएं। पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग पलवल की उप-निदेशक डा. नीलम आर्या ने विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि उपायुक्त डॉ. मनीराम शर्मा के निर्देशानुसार जिला में पशु पालन का कार्य सुचारू रूप से करने के लिए समय-समय पर किसानों को जागरूक किया जाता है।
उन्होने बताया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान पलवल जिला क्षेत्र में कुल 95172 दुधारू पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान किया गया। जिनमें कुल 77768 भैंस व कुल 17404 गाय शामिल हैं। जिला क्षेत्र में कुल 259700 पशुओं को गलघोटु तथा 268050 पशुओं को मुहखुर से बचाव के टीके लगाए गए। भेड़माता रोग से बचाव के लिए कुल 846 भेड़ों को टीके लगाए गए। इसी प्रकार कुल 8750 पशुओं को इन्टीरो टॉक्सिनिया वैक्सिनेशन किया गया। 20 सूत्रीय कार्यक्रम के अंतर्गत जिला क्षेत्र में 5 दुधारू यूनिट स्थापित की गईं। इसी प्रकार लघु डेयरी यूनिट के अंतर्गत 4 दुधारू यूनिट स्थापित की गईं। गौ संवर्धन योजना के अंतर्गत हरियाणा नस्ल की 04 गायों का चयन किया गया। पशुओं के बांझपन के ईलाज के लिए चालू वित्त वर्ष के दौरान कुल 63 शिविर लगाए गए हैं।
देसी गायों की मिनी डेयरी योजना के तहत गाय की देशी नस्लों के संरक्षण एव विकास तथा राज्य में गौ वंश संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए गायों की डेरी इकाई लगाने वाले पशुपालकों को 50 प्रतिशत अनुदान गायों के खरीद मूल्य पर दिया जा रहा है। हरियाना नस्ल की 3 व 5 गायों की लघु डेयरी इकाई की स्थापना पर क्रमश 75,000 रुपये व 1,25,000 रुपये तक की अनुदान राशि उपलब्ध करवाई जा रही है तथा साहिवाल नस्ल की गायों की 3 व 5 गायों की लघु डेयरी इकाई की स्थापना पर क्रमश 1,12,500 रुपये व 1,87,500 रुपये तक की अनुदान राशि उपलब्ध करवाने का प्रावधान किया गया है।