New Delhi/Atulyaloktantra News : राफेल डील के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी आक्रामक हो गई है। इस मुद्दे पर संसद लेकर सडक़ तक कांग्रेस और उसके अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला हो रहा है। बीजेपी राहुल गांधी से माफी की मांग कर रही है। संसद के भीतर बीजेपी ने इस मुद्दे पर हंगामा किया तो वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुणे से राफेल को लेकर हल्ला बोला।
सुप्रीम कोर्ट के राफेल मामले में आए फैसले का हवाला देकर उन्होंने देश में बदवाल के तौर पर पेश किया। यह पहली बार हो रहा है कि सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सबसे बड़ी अदालत गए और अदालत ने उन्हें दो टूक जवाब मिला कि जो काम हुआ है वो पूरी पारदर्शिता के साथ हुआ है, ईमानदारी से हुआ है।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान से साफ है कि वो सीधे-सीधे पहले की कांग्रेसी सरकारों के कार्यकाल के दौरान घोटाले के लगे आरोपों को लेकर उन्हें कठघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने यह दिखाने की कोशिश की है कि कैसे सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील में उनकी सरकार पर लगे आरोपों को खारिज कर दिया, जो कि 2014 के पहले ऐसा नहीं होता था। मोदी ने लोगों से सवाल भी किया कि ऐसा साढे चार साल पहले तो किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि इस तरह भ्रष्टाचार के आरोपों के मामले में सुप्रीम कोर्ट इस तरह भी कर सकता है।
एक दिन पहले ही 1984 के सिख विरोधी दंगों में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के दोषी ठहराए जाने के फैसले को भी मोदी ने अपने कार्यकाल के साढ़े चार सालों में आए बदलाव का परिणाम बताया। प्रधानमंत्री ने कहा, 1984 के सिख नरसिंहार के दोषी कांग्रेस नेताओं को सजा मिलने लगेगी, लोगों को इंसाफ मिलने लगेगा। आखिरकार यह परिवर्तन क्यों आया, देश वही है, लोग वही हैं, ब्यूरोक्रेसी वही है, साधन वहीं हैं, संसाधन वहीं है, फिर ऐसा परिवर्तन क्यों है।