New Delhi/Atulya Loktantra : मोदी सरकार एक फरवरी को पेश होने वाले आम बजट में शिक्षा के बजट में पांच से आठ फीसदी बढ़ोतरी कर सकती है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के पिटारे से शिक्षा के लिए एक लाख 35 हजार करोड़ (हीफा समेत) रुपये तक मिलने की संभावना है।
शिक्षा बजट में 5 से 8 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकती है सरकार
सरकार का फोकस शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने, रिसर्च, इनोवेशन, तकनीक, वोकेशनल और कौशल विकास पर रहेगा। बजट में शिक्षकों की ट्रेनिंग, पाठ्यक्रम व कोर्स में बदलाव वाले खास बिंदुओं को शामिल करने करने की उम्मीद है।
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है
कि शिक्षा बजट में कटौती की संभावना बेहद कम हैं। क्योंकि साल 2014 में शिक्षा का बजट महज 62 हजार करोड़ रुपये था। मोदी सरकार के शिक्षा पर फोकस करने के चलते पांच साल में शिक्षा के बजट में दोगुनी बढ़ोतरी हुई है।
सरकार से 2019-20 के बजट में मानव संसाधन विकास मंत्रालय को शिक्षा के लिए 95 हजार करोड़ रुपये और हायर एजुकेशन फाइनेंसिंग एजेंसी (हीफा) में 30 हजार करोड़ रुपये का बजट मिला था। इस तरह बजट का यह आंकड़ा एक लाख 25 हजार करोड़ पहुंच गया था।
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार हर तबके तक शिक्षा पहुंचाने के साथ-साथ उन्हें रोजगार या अपना काम शुरू करने पर जोर दे रही है। इसलिए बजट में ऐसी योजनाओं को शामिल किया जा सकता है, जिससे गुणवत्ता युक्त शिक्षा मिलने के साथ युवाओं को कौशल विकास से जोड़ा जाए।
युवाओं को शिक्षा से जोड़ने के मकसद से वोकेशनल, डिस्टेंस एजुकेशन व ऑनलाइन एजुकेशन को बढ़ावा दे रही है। सरकार रोजगार देने वाले नए कोर्स को शामिल करने की भी घोषणा कर सकती है।